देवरी।मनरेगा योजना में भ्रष्ट्राचार चरम पर, मस्टरोल में बन रही श्रमिकों की फर्जी हाजिरी सरपंच सचिव एवं  सहायक सचिव  की मिलीभगत से मनरेगा ऐप पर डाली जा रही फर्जी हाजरी मौके पर नहीं कोई मजदूर

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देवरी कला। श्रमिकों को रोजगार की गारंटी देने वाली  केंद्र की मनरेगा योजना जिम्मेदारों के लिए दुधारू गाय साबित हो रही हैं। योजना में भ्रष्टाचार चरम पर है, साथ ही रोज़गार गारंटी योजना के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

योजना में भ्रष्टाचार को रोकने हेतु एन एम एम एस सिस्टम लागू किया गया हैं जिसमें साइड पर जो मनरेगा मजदूर काम करते हैं उनकी मस्टरोल में आनलाइन हाजिरी रोजगार सेवक या मेट द्वारा लगानें का नियम है। इसके अनुसार मजदूरों का काम करते हुए फोटोग्राफ्स भी अपलोड किया जाता है जो फोटो साफ सुथरी और ऊंचे स्थान से खड़े होकर खींचा गया हो जिसमें मजदूरों का चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई दे कि जिन मजदूरों की हाजिरी मस्टरोल में लगी हो वही मजदूर फोटो में प्रर्दशित हो, लेकिन सरपंच  व सचिव अजय पटेल की मिलीभगत से शासन के नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

मामला देवरी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत पथरिया दुबे का है जहां मस्टरोल में जितने मजदूरों की हाजिरी लगी हैं वे अपलोड फोटो में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। जब धरातल पर मीडिया टीम द्वारा देखा गया कि मौके पर कोई मजदूर कार्य करते नहीं पाया गया।

और जब वहां के जिम्मेदार नागरिकों से सीसी सड़क निर्माण कार्य के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि यह सीसी सड़क निर्माण कार्य के लिए तो काफी दिन हो चुके हैं।

आपको बता दें कि ग्राम पंचायत पथरिया दुबे में एक सीसी सड़क निर्माण कार्य काफी दिनों पहले ग्राम पंचायत द्वारा किया गया है । जो सीसी सड़क निर्माण बृजेश कर्मी के घर से बिचुआ पहुंच मार्ग की ओर बताया जा रहा है। जिसमें सरपंच रामजी पटेल सचिव अजय पटेल द्वारा निर्माण कार्य के नाम पर श्रमिकों की करीब 244 फर्जी मनरेगा ऐप पर हाजिरी डाली जा रही है।
आपको बता दें कि मनरेगा ऐप पर सरपंच सचिव एवं रोजगार द्वारा मिलीभगत से फर्जी श्रमिकों की हाजिरी की खबर कुछ दिन पहले अखबारों के जरिए प्रकाशित की गई थी।
जिसमें देवरी जनपद की ग्राम पंचायत पथरिया दुबे , सुना रहली , सरपंच सचिव, रोजगार सहायक द्वारा फर्जी श्रमिकों की हाजिरी डाली जा रही थी।

जिसको लेकर के आलाधिकारियों द्वारा आज तक की तारीख में ना कोई जांच ना कोई कार्रवाई की गई।
सबसे विचित्र बात यह है कि चल रहे कार्य पर कहीं डिस्पले बोर्ड नहीं लगा दिखाई दे रहा, जबकि शासन का आदेश हैं कि हो रहे कार्यों पर डिस्पले बोर्ड पहले लगाए जाएं। इस पूरे मामले पर विकासखंण्ड मनरेगा अधिकारी उदयभान सिंह से बात की गई तो उनका कहना हैं की चेक करा कर जो भी गलतियाँ पाई गई हैं उसका वैल्यूएशन निल कर दिया जाएगा मस्टरोलों का और नोटिस जारी किया जाएगा ।
अब देखना यह है कि अधिकारियों द्वारा फर्जी श्रमिकों की हाजिरी डालने वालों पर क्या कार्रवाई की जाती है या फिर आगे भी अखबारों के माध्यम से खबरें ऐसे ही प्रकाशित की जाएंगी ।

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