गौरझामर/ पान बरेजा को कृषि मे सम्मिलित कर पान क्रांति लाय

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औषधि गुणो से भरपूर व  लवो की शान  पान बीडा भारत ही नही पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है इसकी खेती आम फसलो से थोडी भिन्न है पत्ता वर्ती इसकी फसल पान पत्ता के रुप मे जानी जाती है जबसे बाजार मे तम्बाकू गुटको का प्रादुर्भाव हुआ है पान की बिक्री मे आशातीत कमी महसूस की जाने लगी है इसका एक कारण और भी है शासन प्रशासन ने पान उत्पादन मे कृषि की भांति सहयोग व मार्ग दर्शन नही किया इसी के चलते पान बरेजो से जुडे चौरसिया परिवारों  की नवीन पीढी ने शासकीय उपेक्षा  के कारण बरेजो से किनारा करना शुरू कर दिया आज स्थिति यह है की लोग अपनी पुश्तैनी पान की खेती को अस्तित्व मे बचाये व  बनाये रखने के उद्देश्य से पान बरेजो को करते आ रहे है बतादे की पान के इस व्यवसाय से पूरे भारत वर्ष का चौरसिया समाज जो करोडो की जन संख्या मे है जुडा हुआ है शासन की उपेक्षित नीति के कारण पान की खेती को अभी तक कृषि मे शामिल नही किया गया है इससे पान बरेजो से जुडे किसानो को इसका लाभ नही मिल पा रहा है वरिष्ठ पत्रकार एवं अखिल भारतीय आदर्श चौरसिया महा सभा मप्र के प्रांतीय संगठन मंत्री कुंदन लाल चौरसिया ने समस्त समाज का पक्ष रखते हुए मप्र शासन से मांग की हैै की पान खेती को अविलम्ब कृषि मे सम्मिलित किया जावे जिससे पान कृषि से जुडे चौरसिया कृषको को इसका लाभ शासन से मिल सके इससे पान क्रांतिआने के साथ साथ चौरसिया परिवारों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेगेऔर जो व्यवसाय नष्ट होने की कगार पर है उसे उठाने मदद मिलेगी

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